चैटजीपीटी बनाम बिंग चैट में क्या है अंतर, किसका उपयोग है फायदे का सौदा? जानें सभी डिटेल

admin
Updated At: 04 Mar 2023 at 06:15 PM
चैटजीपीटी और बिंग चैट जैसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट तकनीक आजकल टेक इंडस्ट्री का मुख्य फोकस बन गए हैं। आपने एआई चैटबॉट का शायरी निबंध, कविताएं और यहां तक कि कंप्यूटर कोड लिखने की उनकी क्षमता के बारे में पहले ही सुना होगा। इसके अलावा ये एआई टूल जटिल विषयों को सरल भी बना सकते हैं और पूरी किताब को भी सारांशित कर सकते हैं। भले ही दोनों एक समान दिखते हों, लेकिन चैटजीपीटी और बिंग चैट में कई असमानताएं भी हैं। यदि आप भी इन दोनों एआई चैटबॉट के बारे में जानना चाहते हैं तो यह रिपोर्ट आपके लिए है। इस रिपोर्ट में हम आपको चैटजीपीटी बनाम बिंग चैट के बारे में बताएंगे। चैटजीपीटी और बिंग चैट जेनेरेटिव एआई के उदाहरण हैं, जिसका अर्थ है कि उनके पास बिल्कुल नया टेक्सट बनाने की क्षमता है जो पहले कभी नहीं लिखा गया। स्वाभाविक रूप से इस प्रकार की एआई तकनीक केवल तभी उपयोगी होती है जब यह सटीक जानकारी प्रदान कर सके। यहां यह जानना जरूरी है कि यह कैसे काम करता है?
संक्षेप में कहें तो दोनों सैन फ्रांसिस्को स्थित स्टार्टअप OpenAI द्वारा विकसित एक बड़े भाषा मॉडल पर निर्भर हैं। GPT-3 नाम के इस एआई मॉडल को इंटरनेट से एकत्रित किए गए अरबों टेक्स्ट सैंपल के साथ ट्रेंड किया गया है। इसका मतलब है कि दोनों चैटबॉट्स में ऐसा टेक्स्ट जनरेट करने की क्षमता है, जो ऐसा लगता है कि इसे किसी इंसान ने ही लिखा है। यानी एआई द्वारा लिखे टेक्स्ट और किसी इंसान द्वारा लिए टेक्स्ट में फर्क करना काफी मुश्किल है। चैटजीपीटी के मामले में बिंग एआई भी एक कदम आगे है क्योंकि यह रियल टाइम में जानकारी के लिए इंटरनेट पर सर्च कर सकता है। यानी यह दोधारी तलवार है क्योंकि कोई भी गलत सूचना मिलने पर प्रतिक्रिया में गलती हो सकती है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में बिंग चैट प्रत्येक प्रतिक्रिया के नीचे अपने स्रोतों का हवाला देता है। जबकि चैटजीपीटी के मामले में ऐसा नहीं है।
ऐसे में आपको डाटा की विश्वसनीयता चेक करने में समस्या आ सकती है। ऐसे कई उदाहरण हमें देखने मिले हैं, जिसमें एआई की जानकारी सही नहीं थी लेकिन चैटबॉट अपनी बात पर अड़े हुए थे। कई बार यूजर्स और एआई चैटबॉट की बहस तक के मामले सामने आए हैं। वहीं चैटबॉट कई सवालों के गलत जवाब भी दे रहे हैं। ऐसे में जानकारी के स्रोतों का हवाला देना सही ऑप्शन है।
यदि आप किसी तकनीकी विषय या हाल की घटना के बारे में एआई चैटबॉट से जानकारी मांग रहे हैं तो बिंग चैट लगभग हमेशा हाई क्वालिटी वाली प्रतिक्रिया देगा क्योंकि यह इंटरनेट पर सर्च कर सकता है। लेकिन अगर आप केवल ऐतिहासिक सवालों के जवाब खोज रहे हैं तो चैटजीपीटी अच्छा करेगा, क्योंकि इसमें 2021 से पहले की घटनाओं का डाटा है। यानी यदि आप चैटजीपीटी से 2023 की घटनाओं के बारे में सवाल करेंगे तो बहुत मुमकिन है कि चैटबॉट आपको सही जवाब नहीं दे पाए। इस बात को उदाहरण से समझें तो आप खरीदारी करते समय बिंग का उपयोग नए जारी किए गए प्रोडक्ट के फायदे और नुकसान की तुलना करने के लिए या अपने अगले अवकाश के लिए एक व्यक्तिगत ट्रिप तैयार करने के लिए कर सकते हैं। इन दोनों कामों के लिए ज्यादा से ज्यादा वेब-आधारित रिसर्च की जरूरत होगी, जिसे मैन्युअल रूप से करने में आपको अधिक समय लगेगा। यहां बिंग एआई ज्यादा कारगर है। वहीं दूसरी ओर जब आप रचनात्मकता की बात आती है तो ChatGPT बेहतर प्रदर्शन करता है, क्योंकि इसे चैटिंग के लिए तैयार किया गया है।
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