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तीन अक्टूबर को एक दिवसीय दौरे पर बस्तर पहुंचेगे पीएम मोदी, कांग्रेस ने 3 अक्टूबर को किया बस्तर मे बंद का आह्वान, सर्व आदिवासी समाज ने चार सूत्रीय माँग को लेकर शुरू किया पीएम का विरोध

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admin

Updated At: 02 Oct 2023 at 01:08 PM

पीएम नरेंद्र मोदी के 3 अक्टूबर को बस्तर दौरे से पहले कांग्रेस ने बड़ी चुनावी चाल चली है। 3 अक्टूबर को पीएम जगदलपुर के लाल बाग मैदान में चुनावी सभा करने आने वाले हैं और इसी दिन कांग्रेस ने बस्तर बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन रायपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी पर हमला बोलेत हुए कहा कि कल पीएम नरेंद्र मोदी बिलासपुर आए थे और फिर झूठ परोसकर चले गए। आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी 3 अक्टूबर को नगरनार स्टील प्लांट का उद्धघाटन करने और उसे निजी हाथों में सौंपने के लिए बस्तर आ रहे हैं। सीएम भूपेश बघेल ने बस्तर बंद का समर्थन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को जुमलेबाज बताया है। उन्होंने कहा कि पीएम 3 अक्टूबर को बस्तर आ रहे हैं, ऐसे में उन्हें यह बात मालूम चल सके कि बस्तर की जनता चाहती क्या है। आदिवासियों की जमीन एनएमडीसी को दी गई है। प्लांट में नौकरी के लिए आदिवासी लगातार आंदोलन करते रहे उस दौरान हम जब विपक्ष में थे। उस दौरान भी हमने पत्र लिखा था कि आदिवासियों को उचित व्यवस्थापन हो। सरकार में आने के बाद हमने विधानसभा में संकल्प पारित किया कि नगरनार स्टील प्लांट का विनिवेश ना किया जाए। राज्य सरकार प्लांट का अधिग्रहण कर ले, लेकिन बीजेपी ने यहां पर भी राजनीति करते हुए उसके अधिग्रहण को लेकर ऐसे बिंदु जोड़ दिए हैं कि ताकि राज्य सरकार इसमें शामिल ना हो सके। 'पूर्व सीएम रमन ने भी लिखा था खत' सीएम भूपेश ने कहा कि बीजेपी विधायकों ने भी विधानसभा में स्टील प्लांट के निजीकरण नहीं करने और अधिग्रहण की स्थिति में राज्य सरकार को दिये जाने के अशासकीय संकल्प पर सहमति दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने इस संदर्भ में एक पत्र लिखा था। अब बीजेपी के लोग भी इस खुलकर अपनी बात रखें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक अशासकीय संकल्प विधानसभा में लाया था कि इस स्टील प्लांट का निजीकरण ना किया जाए। अगर करना ही है तो राज्य सरकार को इसका अधिग्रहण करने की अनुमति दें, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य को बोली लगाने से ही वंचित कर दिया। इसका मतलब है कि अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया। इसे लेकर आदिवासी समाज भी आक्रोशित है और विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में देने का बस्तर में विरोध हो रहा है। जब नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना हो रही थी, तो छत्तीसगढ़ के लोगों ने इस प्लांट को निजी हाथों में देने के लिए जमीन नहीं दी है। प्लांट से छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी है। यहां के विकास की उम्मीद है। इससे हमारे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में विकास की नई शुरुआत होगी, लेकिन प्लांट की स्थापना के बाद इसे निजी हाथों को सौंपने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ के लोगों का सपना चकनाचूर नहीं होने देंगे। हम नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में देने का विरोध करेंगे। पीएम बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोगों को आश्वस्थ करें कि प्लांट की जमीन निजी हाथों में नहीं बेचेंगे। हमने जमीन एनएमडीसी को दिया था। नगरनार संयंत्र को लेकर कहा कि इस संयंत्र का निर्माण बस्तर के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर किया गया है। टाटा, जिंदल, वेदांता तथा अडानी की कंपनियों के अधिकारी सर्वे करने पहुंचे थे। अगर ऐसा नहीं है तो फिर प्रधानमंत्री मोदी जनता को ये भरोसा दिलाएं कि ये संयंत्र नहीं बिकेगा? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर में कहा कि केंद्र सरकार ने धान खरीदी पर बोनस देने में प्रतिबंध लगा दिया है। वर्ष 2014 से वर्ष 2017 के बीच किसानों से धान खरीदी का प्रतिशत लगातार कम होता चला गया। अब यह कह रहे हैं कि हम किसानों का एक-एक दाना धान खरीदेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि दाना-दाना धान केंद्र सरकार खरीदती है, ऐसा है तो केंद्र सरकार आदेश जारी करे। 2 साल के बचे बोनस पर कहा कि हम देना चाहते थे मगर केंद्र सरकार ने बोनस देने पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पीएम मोदी लगातार आ रहे है, झूठ परोस रहे हैं। 2014 में डबल इंजन की सरकार थी, जब तक डबल इंजन की सरकार रही, धान की खरीदी कम होती गई, बोनस देने से मना किया, अब कहते है कि एक-एक दाना खरीदना है तो अभी आप 3 अक्टूबर को आने वाले हैं उससे पहले घोषणा हो जानी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के साथी दोमुही बात न करें। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने रेल के लिये 6 हजार करोड़ देने की बात कही थी। क्या रेलवे सिर्फ माल ढोने के लिये बनी है? अगर नहीं तो इतनी यात्री गाड़ियां आखिर क्यों रद्द की जा रही है? जिस दिन वे बिलासपुर में दौरे पर थे उस रोज भी 34 रेलगाड़ियां रद्द थी। जितनी ट्रेनें अभी रद्द हो रही है इतिहास में नहीं हुई। छत्तीसगढ़ की जानता से बदला क्यों ले रहे है, पीएम 3 तारीख को आ रहें है उससे पहले आवास की केन्द्रांश की राशि जारी कर दें। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से बस्तर में एम्स अस्पताल खोलने की मांग की। इससे वहां स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो सकेंगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आ रहे हैं। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से बस्तर की हवाई सेवाओं के विस्तार करने की भी मांग रखी। जगदलपुर से जबलपुर से दिल्ली के लिए उड़ान शुरू करें, हम क्षतिपूर्ति के रूप में एक करोड़ रुपए देने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पीएससी मामले को लेकर कहा कि पीएससी में गड़बड़ियां हुई है तो हमारी सरकार ने तो दोषियों पर कार्यवाही की बात कही है। शिकायत लेकर अभ्यर्थी सामने आये हम पुख्ता से कार्यवाही करेंगे, दोषी कोई पाया गया तो छोड़ेंगे नहीं, लेकिन राजनीति करने के लिये झूठे और गलत आरोप नहीं लगाये जाने चाहिये। रमन सिंह के समय तो पीएसी में गड़बड़ी हुई थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार बस्तर के नगरनार में एनएमडीसी द्वारा लगाये गये इस्पात संयंत्र को बेच रही है। नगरनार इस्पात संयंत्र बस्तर के लोगों की भावनाओं और उनके आर्थिक हितों से जुड़ा हुआ है। कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है। बस्तर के लोगों की भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिये कांग्रेस जन आंदोलन छेड़ेगी। हम 3 अक्टूबर को बस्तर बंद का पूरा समर्थन करते है। एनएमडीसी नगरनार में बनाये गये इस्पात संयंत्र बस्तर की स्थानीय जनता की जमीन पर बनाया गया है। लोगों ने अपनी जमीनें इसलिये दिया था कि संयंत्र लगेगा तो उनका भविष्य उज्जवल होगा। रोजगार मिलेगा। बस्तर और छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदलेगी। नगरनार इस्पात और बैलाडीला एनएमडीसी के स्थापना में हमारे बस्तर के लोगों ने बहुत कुछ खोया है और जब आज कुछ पाने का दिन आया है तो केंद्र सरकार उसको निजीकरण कर रही है जिसके चलते हमारा बस्तर ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ के बेरोजगार, आदिवासी समाज, अन्य समाज काफी आक्रोशित है। कांग्रेस ने की ये मांग- नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने की प्रक्रिया रोकी जाये। एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से बस्तर लाया जाये। तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षभूपेश बघेल ने 19.07.2017 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किया गया कि ‘‘यह सदन केंद्र सरकार से अनुरोध करता है कि, ‘‘बस्तर जिला अंतर्गत नगरनार में एनएमडीसी आयरन एवं स्टील प्लांट का निजी क्षेत्र में विनिवेश, निजीकरण न किया जाए लेकिन इस विधानसभा सत्र का समय से पूर्व अवसान हो जाने के कारण विधानसभा में इस अशासकीय संकल्प पर र्चा नहीं हो सकी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 2606 दिनांक 26.08.2020 के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को नगरनार स्टील संयंत्र के विनिवेश को न किये जाने के संबंध में आग्रह का पत्र प्रेषित किया गया। भूपेश बघेल ने अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 2606 दिनांक 26.08.20220 के माध्यम से इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को नगरनार स्टील संयंत्र के विनिवेश को न किये जाने के संबंध में आग्रह का पत्र प्रेषित किया गया। छत्तीसगढ़ की विधानसभा ने भी 28 दिसंबर 2020 को एक शासकीय संकल्प पारित किया जिसमें कहा गया कि भारत सरकार के उपक्रम एनएमडीसी की ओर से स्थापनाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र, जिला बस्तर का केंद्र सरकार द्वारा विनिवेश न किया जावे। विनिवेश होने की स्थिति में छत्तीसगढ़ शासन इसे खरीदने को सहमत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अक्टूबर को बस्तर आने वाले हैं। उनके आने से पहले सर्व आदिवासी समाज ने उनके दौरे का विरोध करना शुरु कर दिया है। सर्व आदिवासी समाज ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर दो अक्टूबर को एक विशाल रैली निकालेगा। इसके बाद आम सभा करेगा। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया की नगरनार स्टील प्लांट के नीजिकरण, एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में लाने, स्थानीय भर्ती को प्राथमिकता के लागू कराये जाने व जातीय जनगणना कराये जाने की प्रमुख मांगों को लेकर सोमवार रैली व आम सभा का आयोजन किया जाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अक्टूबर को बस्तर आने वाले हैं। उनके आने से पहले सर्व आदिवासी समाज ने उनके दौरे का विरोध करना शुरु कर दिया है। सर्व आदिवासी समाज ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर दो अक्टूबर को एक विशाल रैली निकालेगा। इसके बाद आम सभा करेगा। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया की नगरनार स्टील प्लांट के नीजिकरण, एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में लाने, स्थानीय भर्ती को प्राथमिकता के लागू कराये जाने व जातीय जनगणना कराये जाने की प्रमुख मांगों को लेकर सोमवार रैली व आम सभा का आयोजन किया जाना है।

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