आज कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं नंदकुमार साय!: मरकाम बोले- स्वागत है, आपके लिए खुले हैं पार्टी के दरवाजे

admin
Updated At: 01 May 2023 at 02:26 PM
छत्तीसगढ़ बीजेपी के दिग्गज और वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को खत लिखा है। इसमें साय ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने की बात लिखी है। इस पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। इससे छत्तीसगढ़ की राजनीति में हड़कंप मच गया है।
मामले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें भारतीय जनता पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी। लंबे समय से वे मीडिया में भी बयान देते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी में आदिवासी नेताओं को लगातार नजरअंदाज किया गया। वर्ष 2003 और 2008 में आदिवासी सीटों की वजह से भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में सरकार बनी थी। भारतीय जनता पार्टी लगातार आदिवासी नेताओं की उपेक्षा की, जिसमें वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय भी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में नंदकुमार साय के लिए दरवाजे खुले हैं। अगर वह कांग्रेस में आना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है। कांग्रेस पार्टी हमेशा आदिवासियों का सम्मान करती रही है।
वहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में आदिवासी नेताओं की उपेक्षा हुई, उनको अपमानित किया जाता है। इसके पहले भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को विश्व आदिवासी के दिन अपमानित किया गया। प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय भारतीय जनता पार्टी छोड़ने को मजबूर हुए। साय ने भारतीय जनता पार्टी को पुष्पित पल्लवित करने के लिए अपना खून पसीना लगाया है। यदि भारतीय जनता पार्टी को छोड़ने को मजबूर हुए, तो बात का प्रमाण है कि भारतीय जनता पार्टी देश में आदिवासियों की उपेक्षा कर रही है। उनका शोषण कर रही है। नंदकुमार साहब विद्वान, बेहद विनम्र और संघर्षशील की वजह से जाना जाता है । उन्होंने यदि जनता पार्टी को छोड़ा है, इसका मतलब है कि भारतीय जनता पार्टी लगातार देश के बड़े वर्ग के साथ अन्याय कर रही है। तभी नंद कुमार साय जैसे विद्वान नेता के बर्दाश्त की इंतहा हो गई तो वे छोड़ने को मजबूर हुए।
कौन हैं नंदकुमार साय
नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ भाजपा के एक बड़े आदिवासी चेहरा और आदिवासी मुख्यमंत्री के सबसे बड़े पैरोकार माने जाते रहे हैं । साय तीन बार विधायक रह चुके हैं। वहीं तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। अविभावित मध्य प्रदेश में वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। साथ ही वे छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। मोदी सरकार के कार्यकाल में उन्हें अनुसूचित जाति आयोग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। वर्ष 2003 में नंदकुमार साय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गए थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने सरगुजा संसदीय सीट से चुनाव जीता था और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल भी पूरा किया था।
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