Delhi New CM: : दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के 5 प्रमुख आरएसएस बैकग्राउंड वाले दावेदार

Faizan Ashraf
Updated At: 17 Feb 2025 at 06:49 PM
दिल्ली में भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा: ये 5 आरएसएस बैकग्राउंड वाले नेता हो सकते हैं दावेदार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार तो बन गई है, लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। भाजपा, जो आमतौर पर मुख्यमंत्री के दावेदार को आखिरी समय तक गोपनीय रखती है, इस बार भी कई नामों पर विचार कर रही है। खास बात यह है कि भाजपा ने हाल के चुनावों में आरएसएस के बैकग्राउंड वाले नेताओं को तरजीह दी है। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री की रेस में पांच ऐसे नाम हैं, जो आरएसएस से जुड़े हुए हैं और पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
आरएसएस बैकग्राउंड वाले प्रमुख दावेदार:
प्रवेश वर्मा: दिल्ली की राजनीतिक परंपरा के अनुरूप
प्रवेश वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे, दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदारों में से एक हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को मुख्यमंत्री बनाने की परंपरा को ध्यान में रखते हुए, प्रवेश वर्मा इस परंपरा के अनुरूप फिट बैठते हैं। इसके अलावा, वह बचपन से ही आरएसएस से जुड़े हुए हैं और केशवपुरम में शाखा प्रमुख भी रह चुके हैं।
रेखा गुप्ता: महिला मुख्यमंत्री की संभावना
अगर भाजपा महिला मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करती है, तो रेखा गुप्ता एक प्रमुख दावेदार हो सकती हैं। वह आरएसएस से लंबे समय से जुड़ी हुई हैं और छात्र जीवन से ही भाजपा की कार्यकर्ता रही हैं। उनकी संघ पृष्ठभूमि और भाजपा के प्रति समर्पण उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए एक महत्वपूर्ण उम्मीदवार बनाते हैं।
मोहन सिंह बिष्ट: अनुभवी और संघ से गहरा जुड़ाव
मोहन सिंह बिष्ट, जो उत्तराखंड से आते हैं, छह बार के विधायक रहे हैं और उनका राजनीतिक करियर काफी मजबूत रहा है। वह बचपन से ही आरएसएस से जुड़े हुए हैं। उनके संगठन से गहरे जुड़ाव और भाजपा में उनके अनुभव को देखते हुए, उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए विचार किया जा सकता है।
पवन शर्मा: संघ से जुड़े हुए भाजपा नेता
पवन शर्मा का नाम भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हो सकता है। वे बचपन से ही आरएसएस से जुड़े हुए हैं और भाजपा से राजनीति में सक्रिय हैं। उनका संघ से गहरा संबंध उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाता है।
सतीश उपाध्याय: संघ और विद्यार्थी परिषद से राजनीतिक शुरुआत
सतीश उपाध्याय भी आरएसएस से जुड़े हुए हैं और उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी। उनका संगठन से गहरा जुड़ाव और भाजपा में उनका योगदान उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए एक सक्षम दावेदार बना सकता है।
इन पांच नेताओं के आरएसएस बैकग्राउंड और भाजपा में उनके योगदान को देखते हुए, दिल्ली का मुख्यमंत्री चेहरा आरएसएस के करीबी किसी नेता को मिल सकता है। भाजपा की इस रणनीति से संगठन की ताकत को और भी मजबूत किया जा सकता है।
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