सरगुजा संभाग की पांच सीटों पर भाजपा ने घोषित किया प्रत्याशी, दो विधानसभा चुनाव में मिली चुकी करारी हार

admin
Updated At: 18 Aug 2023 at 11:35 AM
सरगुजा संभाग के पांच विधानसभा क्षेत्र प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर एवं रामानुजगंज के साथ लुंड्रा विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई हैं। जिन सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी घोषित किए हैं, इनमें प्रतापपुर को छोड़कर शेष सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को लगातार पिछले दो विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।
भाजपा ने कल शाम घोषित 21 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। इसमें सरगुजा संभाग के पांच विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों की घोषणा की गई है। इनमें प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर एवं रामानुजगंज के साथ लुंड्रा विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई हैं। जिन सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी घोषित किए हैं, इनमें प्रतापपुर को छोड़कर शेष सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को लगातार पिछले दो विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने प्रत्याशियों के चयन में जातिगत समीकरण को विशेष रूप से ध्यान में रखकर सत्तासीन कांग्रेस की चुनौती बढ़ा दी है। रामानुजगंज क्षेत्र में रमन सरकार के पूर्व मंत्री एवं पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम को फिर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। वहीं, लुंड्रा सीट से लगातार हार झेल रही भाजपा ने अंबिकापुर के पूर्व महापौर प्रबोध मिंज को प्रत्याशी बनाया है।
सूरजपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व जिला पंचायत सदस्य भूलन सिंह बने प्रत्याशी
भाजपा ने गुरुवार को घोषित प्रत्याशियों की पहली सूची में अनारक्षित सूरजपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व जिला पंचायत सदस्य भूलन सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2008 में विधानसभाओं के परिसीमन के बाद अनारक्षित इस सीट से वर्ष 2008 में भाजपा की प्रत्याशी रेणुका सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद वर्ष 2013 व 2018 के चुनाव में कांग्रेस के खेलसाय सिंह ने जीत दर्ज की। वर्ष 2013 में उन्होंने भाजपा की रेणुका सिंह व वर्ष 2018 में विजय प्रताप सिंह को हराया था। अनारक्षित इस सीट से भाजपा ने गोंड़ समाज के भूलन सिंह को प्रत्याशी बनाया है। पंचायत में कई बार सरपंच रहे भूलन सिंह वर्ष 2015 में जिला पंचायत सदस्य बनें। वे वर्तमान में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष हैं। जातिगत समीकरणों के आधार पर यहां गोंड़ समाज के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। वर्तमान विधायक खेलसाय सिंह भी गोंड़ समाज से हैं। यहां भाजपा प्रतिद्वंदी गोंड़ समाज के वोट बैंक पर सेंध लगा सकेगी। भाजपा में कई दावेदार थे, इनमें भूलन सिंह ऐसा नाम है, जिन्हें सर्वमान्य कहा जा सकता है।
भटगांव से भाजपा ने युवा नेता लक्ष्मी राजवाड़े
सूरजपुर जिले की दूसरी अनारक्षित सीट भटगांव से भाजपा ने युवा नेता लक्ष्मी राजवाड़े को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। लक्ष्मी राजवाड़े वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं। लक्ष्मी राजवाड़े कम समय में भाजपा में अपनी पैठ बनाने में कामयाब रहीं। उन्होंने राजनैतिक जीवन की शुरूआत जनपद सदस्य के रूप में की थी एवं वर्तमान में वे जिला पंचायत की सदस्य तथा सूरजपुर भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई अनारिक्षत भटगांव विधानसभा सीट से पहला चुनाव रविशंकर त्रिपाठी ने जीता था। सड़क हादसे में उनका निधन हो जाने के बाद उपचुनाव में उनकी धर्मपत्नी रजनी त्रिपाठी विधायक बनीं। वर्ष 2013 व वर्ष 2018 में भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ा। दोनों चुनावों में कांग्रेस के वर्तमान विधायक पारस नाथ राजवाड़े ने रजनी त्रिपाठी को शिकस्त दी। जातिगत समीकरणों में भटगांव में सर्वाधिक आबादी रजवार समाज की है, जिससे भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वर्तमान कांग्रेस विधायक भी रजवार समाज से हैं। भटगांव से भी भाजपा में कई दावेदार थे। यहां भाजपा को एकजुटता के लिए थोड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
बलरामपुर भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष शकुंतला पोर्ते को चुनाव मैदान में
अजजा वर्ग के लिए आरक्षित प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने बलरामपुर भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष शकुंतला पोर्ते को चुनाव मैदान में उतारा है। पेशे से अधिवक्ता रहीं शकुंतला पोर्ते तेज तर्रार नेता मानी जाती हैं। वे जनपद सदस्य भी रह चुकी हैं। वे भाजपा के कई पदों पर पूर्व में कार्य कर चुकी हैं। प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में हाल ही में मंत्रिमंडल से हटाए गए शिक्षामंत्री डा. प्रेमसाय सिंह विधायक हैं। उन्होंने वर्ष 2018 के चुनाव में रमन सरकार में गृहमंत्री रहे रामसेवक पैकरा को करीब 44 हजार के बड़े अंतर से हराया था। जातिगत समीकरण में प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में गोंड़ समाज की बाहुलता है। शकुंतला पोर्ते भी गोंड़ समाज से हैं। इस लिहाज से भाजपा यहां कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में आ गई है।
रामानुजगंज सीट से कद्दावर आदिवासी नेता रामविचार नेताम
वहीं, भाजपा ने रामानुजगंज सीट से कद्दावर आदिवासी नेता रामविचार नेताम को चुनाव मैदान में उतारा है। रामविचार नेताम वर्ष 1990 से 2013 तक पांच बार तत्कालीन पाल विधानसभा एवं परिसमीन के बाद गठित रामानुजगंज विधानसभा के विधायक रहे। रमन सरकार के पहले कार्यकाल में नेताम अजाक मंत्री व गृहमंत्री एवं दूसरे कार्यकाल में जलसंसाधन मंत्री रहे। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बृहस्पति सिंह ने रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र से नेताम को शिकस्त दी और विधायक बने। रामविचार नेताम वर्ष 2015 में राज्यसभा सदस्य बने। वे भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व में भी कई पदों पर रहे। रामानुजगंज सीट से वर्तमान विधायक बृहस्पति सिंह लगातार दूसरी बार विधायक हैं। भाजपा की परंपरागत सीट कहे जाने वाले रामानुजगंज सीट में नेताम के बूते भाजपा अपना वर्चस्व वापस कायम करना चाहती है। रामविचार नेताम का मुकाबला पुराने प्रतिद्वंदी बृहस्पति सिंह से होना तय माना जा रहा है।
लुंड्रा विधानसभा सीट से प्रबोध मिंज चुनावी मैदान में
भाजपा ने सरगुजा जिले के लुंड्रा विधानसभा सीट से प्रबोध मिंज को उम्मीद्वार बनाया है। लुंड्रा विधानसभा कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है। वर्ष 2003 के चुनाव में भाजपा की लहर में यहां सं भाजपा के प्रत्याशी विजय नाथ सिंह मात्र 43 वोटों से चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद वर्ष 2008, 2013 व 2018 के चुनाव में लगातार कांग्रेस को यहां से जीत मिली है। परिसीमन के बाद लुंड्रा विधानसभा का क्षेत्र बदल गया है, लेकिन अब भी यह सीट भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई है। लुंड्रा से प्रत्याशी बनाए गए प्रबोध मिंज दो बार अंबिकापुर नगर निगम के महापौर रह चुके हैं एवं वर्तमान में अंबिकापुर नगर निगम के नेता विपक्ष हैं। लुंड्रा में सर्वाधिक आबादी उरांव समाज की है। इसके बाद कंवर समाज की आबादी है। वर्तमान विधायक डॉ. प्रीतम राम भी उरांव समाज से हैं। जातिगत समीकरणों के साथ सक्रियता को देखते हुए भाजपा ने लुंड्रा में कांग्रेस के लिए कड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
प्रत्याशी एक परिचय-
प्रेमनगर विधानसभा (अनारक्षित), भूलन सिंह मरावी (50)
भाजपा ने सामान्य सीट प्रेमनगर से आदिवासी वर्ग के भूलन सिंह मराबी को प्रत्याशी बनाया है। भूलन सिंह मराबी पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं भाजपा के जिला उपाध्यक्ष हैं। वे रामानुजनगर क्षेत्र से 2015 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतकर आए थे। वे भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष के भी उम्मीद्वार थे। क्रॉस वोटिंग के कारण भूलन सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हार गए थे। वे वतर्मान में भाजपा संगठन के अन्य दायित्व भी संभाल रहे हैं। भूलन सिंह मरावी ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत अपने गृहक्षेत्र पटना ग्राम पंचायत, रामानुजनगर जिला सूरजपुर से की थी, जहां से वे कई बार सरपंच रहे। भूलन सिंह भाजपा के सभी लोगों के बीच सर्वमान्य हैं।
भटगांव (अनारक्षित), लक्ष्मी राजवाड़े (30)
वर्तमान में सूरजपुर जिला पंचायत की सदस्य हैं। लटोरी-सिलफिली क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई हैं। वे वर्तमान में सूरजपुर भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष हैं। पूर्व में वे सूरजपुर जनपद में सदस्य रही हैं। बहुत कम समय में लक्ष्मी राजवाड़े ने भाजपा में अपनी पैठ बनाई। उनके पति ठाकुर राजवाड़े सूरजपुर जिले में ही ग्राम पंचायत में सचिव हैं। इनका निवास लटोरी क्षेत्र में है। लक्ष्मी राजवाड़े के नाम पर भी लगभग सर्वसम्मति बने रहने की संभावना है।
प्रतापपुर विधानसभा (अजजा), शकुंतला पोर्ते (44)
शकुंतला पोर्ते पेशे से अधिवक्ता हैं और वर्तमान में वे भाजपा महिला मोर्चा बलरामपुर की अध्यक्ष हैं। शकुंतला पोर्ते लंबे समय से भाजपा में सक्रिय हैं। वह तेज तर्रार भाजपा नेता मानी जाती हैं। उनके पति सरगुजा जिले में आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं।
लुंड्रा विधानसभा, प्रबोध मिंज (56)
प्रबोध मिंज वर्तमान में भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं नगर निगम अंबिकापुर में नेता विपक्ष हैं। प्रबोध मिंज सिविल इंजीनियर हैं। वे अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र के दो बार महापौर रहे। वे वर्ष 2004 से वर्ष 2009 एवं वर्ष 2009 से वर्ष 2014 तक नगर निगम अंबिकापुर के महापौर रहे। रमन सरकार में प्रबोध मिंज अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य भी रहे हैं।
विधानसभा रामानुजगंज-
श्रेणी- अजजा
रामविचार नेताम- 62 वर्ष
कद्दावर आदिवासी नेता रामविचार नेताम को भाजपा ने रामानुजगंज का प्रत्याशी बनाया है। रामविचार नेताम लगातार पांच बार तत्कालीन पाल विधानसभा एवं परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए रामानुजगंज विधानसभा के विधायक रहे। वे रमन सरकार के तीनों कार्यकाल में मंत्रिमंडल में मंत्री रहे। 1 मार्च 1991 को जन्में रामविचार नेताम 62 वर्ष के हैं। बतौर छात्रनेता उन्होंने राजनैतिक जीवन की शुरूआत की थी। अविभाजित मध्यप्रदेश में वर्ष 1990 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव पाल विधानसभा सीट से लड़ा और विधायक बनें।
इसके बाद वे 1993, 1998, 2003 में पाल से व 2008 में रामानुजगंज विधानसभा सीट से विधायक बनें। रामविचार नेताम वर्ष 2003 से वर्ष 2005 तक अजाक व अल्पसंख्यक मंत्री, 2005 से 2008 तक छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री, वर्ष 2008 से 2013 तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास व जल संसाधन मंत्री रहे। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बृहस्पति सिंह ने रामविचार नेताम को रामानुजगंज विधानसभा से शिकस्त दी। रामविचार नेताम वर्ष 2016 से वर्ष 2022 तक राज्यसभा सांसद रहे। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में भी कई अहम पदों पर आसीन रहे। वर्तमान में रामानुजगंज विधानसभा से बृहस्पति सिंह लगातार दूसरी बार विधायक हैं।
Follow us on
Advertisement

जरूर पढ़ें

JEE Advanced 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू : IIT कानपुर ने शुरू की आवेदन प्रक्रिया, अंतिम तिथि 2 मई

बिना रिस्क कमाएं ज्यादा : पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम से कमाएं हर माह 20 हजार रुपये, बस एक बार निवेश करना होगा निवेश

RBI का बड़ा फैसला : अब 10 साल से ऊपर के नाबालिग खुद खोल सकेंगे बैंक खाता, पहले पैरेंट के साथ खुलता था जॉइंट अकाउंट

फगुआ 2025: : उरांव समुदाय का पवित्र अनुष्ठान, सोनो-रूपो के आतंक से मुक्ति का उत्सव सरहुल और होली से पहले गूंजेगा फगुआ का उल्लास

होली 2025: : खुशियों के रंग और पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प

Join Indian Army through NCC Special Entry! : भारतीय सेना में NCC स्पेशल एंट्री से अधिकारी बनने का सुनहरा मौका,आवेदन प्रक्रिया शुरू

आज से होलाष्टक शुरू: : फाल्गुन मास में इसका विशेष महत्व,होलाष्टक के दौरान क्या करें और क्या न करें?

Airtel का सस्ता धमाका : 199 रुपये वाला प्लान, 28 दिन की वैधता और अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ मिलेंगे ये फायदे! जानिए पूरी डिटेल

Jio का नया धमाका : OTT और क्रिकेट प्रेमियों के लिए Jio का खास प्लान, ₹195 में 15GB डेटा और फ्री JioHotstar सब्सक्रिप्शन

"planetary parade. 2025": : आसमान में दिखेगा अद्भुत नज़ारा: सात ग्रह होंगे एक सीध में
Advertisement